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हरियाली तीज भारतीय परंपरा में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण पर्व है जो सुख-समृद्धि और पति की दीर्घ आयु की कामना के साथ मनाया जाता है।
हरियाली तीज पर महिलाएं नियमित खान-पान के बिना व्रत रखती हैं, जिससे वे अपने उत्तराधिकारियों के लिए व्रत का महत्व दिखाती हैं।
हरियाली तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं और सुहागिन महिलाएं दोनों ही रखती हैं, पर इसके पीछे उनकी भिन्न-भिन्न मनोकामनाएं होती हैं।
इस पर्व पर मायके से सिंधारा भेजने की परंपरा है, जिससे मायके के लोग अपनी बेटियों की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
इस पर्व के दिन महिलाएं मंदिर जाकर व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं और प्रसाद बाँटती हैं।
हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे-हरे रंग के परिधान पहनती हैं, जो प्रकृति की हरितता को प्रकट करते हैं।
परिवारिक खुशियाँ: यह पर्व माता-पिता, पति और परिवार के साथ मनाने का मौका होता है, जिससे परिवार की एकता और प्रेम बढ़ते हैं।
पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि राधा-रानी ने अपने सहेलियों के साथ हरियाली तीज पर खेल-खिलौने के खेल खेले थे।